मंगलवार, जनवरी 07, 2025

दीपावली के दौरान - नांदरी और संतोषं

दीपावली के दौरान - नांदरी और संतोषं 

 

दीपावली के ठीक एक दिन पहले का

' ग्रैंड स्वीट्स' पर 

कोई भी मिठाई मिल पाने का संतोषम,

 

प्रयोगशाला में १०८ बार 

बताये- दिखाए प्रयोग का 

शोध छात्र द्वारा 

एक बार पुनरावर्तन करने का  संतोषम ,

 

सुबह-सुबह एक-आध घंटा  निकाल के 

कुछ रचनात्मक कर पाने का संतोषम,

उसके बाद सुबह की सैर के लिए 

 वक्त निकाल पाने और 

जगह पर टी-शर्ट और जुटे -जुराब 

जल्दी से मिल जाने का संतोषम, 


उसी तरह से, ४ बजे की सम्पर्क क्रांति का 

साडे ४ बजे तक निकल जाने और 

११ बजे तक हल्द्वानी पहुंचने का संतोषम;

 

ये इस उम्र में अब उन संतोषम के स्तर  पर लगता है,

जब हमें कहीं से एग्जाम में पास होने , या 

कहीं नौकरी लगने ,

या एक प्रोजेक्ट के पास होने पर होती थी.  


ये सब वक्त का तकज है , क्योंकि हमें अभी 

वो दिन भी देखने हैं 

जब कोई हमें देख के 

ये गायेगा -

अंगना तो पर्वत भयो, देहरी भयी  रे विदेश 


Prem Jan 2025. (Dec. 2024)



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