मंगलवार, मार्च 31, 2015

How to improve my english ; शुद्ध अंग्रेजी कैसे बोलें ? How to speak correct english; " He go"

Having seen several scientists, teachers, scholars struggling speak correct English, I thought it appropriate to unfold the secret of speaking/ writing correct English at the very basic level.  This "level" is so low that some of you -  would be surprised to read this article.  I am writing a bit of story in the following- you may directly jump at the next para- where I have tried to identify the main problems of such "English speakers".

27 साल काली-कुमाऊं का घी -दूध का सेवन करने से - गाय बैलों के साथ जंगल की ऊँची- नीची जमीन पर फुदकने से शरीर का चहुमुंखी विकास हुआ. तत्पश्चात, नैनीताल की झील का प्रदूषित पानी लगातार ११ साल तक पीने के बाद पेट की ऐसी तैसी  हो गयी.  साथ ही साथ, हिंदुस्तान के एक पुरानी और प्रतिष्ठित प्रयोगशाला से अत्याधुनिक शोध की तकनीकों से लैस होकर- भारत के  सपनों के शहर की एक अंतराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त संस्थान में दाखिल हुआ.  कोई भी एक दूसरे को नमस्कार न कहे-  खासकर सबसे बुजुर्ग वैज्ञानिक को भी नहीं- वो भी- अपने आपको १८ साल का समझें।  कभी कभार जब आपका मतलब हो - तो सीधे जा कर -शायद हेलो हाय हो .  [इसके तुलना में - प्रोफेसर पंत से सुबह नमस्कार कहने का अपना और ही रुतवा होता था].

३-३ कैंटीनै  - एक ऐसी जिसमें सिर्फ पाश्चत्य भोजन मिलता था.  West canteen- में  लोग - एक डाडू भर भात को एक घंटे में ग्रहण करते थे.  इस दौरान बातें होती थी- सब बातें- खूब सारी। (-काली कुमाऊं में पूरा थाली भर भात - ' दो गास' के रूप में व्याख्या कर -पल भर में चट कर -भट्ट चुट्ने जाना होता था).  लेकिन यहाँ सारी बातें सिर्फ अंग्रेजी में होती थी (-कभी -कभी किसी टैक्सी या ऑटो वाले या फिर किसी दूसरे शहर की बात एक लहरदार सिले होंठों से आती थी)-  अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे!

अल्मोड़े -नैनीताल -हल्द्वानी में प्राप्त  हुई इत्ती सारी 'झकास' वाली स्मार्टनेस -पल भर में  पता नहीं कहाँ चली गयी. वैसे सामजिक तथा समसामयिक मुद्दों पर हम भी अच्छी राय वगैरह रखते थे- लेकिन बोलें तो बोलें कैसे? साला जलपश ही नहीं निकलता था !  भाषा जो दूसरी ठहरी।   कभी कभी तो दो तीन दिन  बिना बोले निकल जाते. बड़ी समस्या थी.

Schooling at GIC Champawat came for the rescue. I knew how to make sentences in present, past and future tense and so on.  Immediately I recalled:
1. 
I go.          I am going.        I have gone.           I have been going.
I went.      I was going.       I had gone.            I had been going.
I will go.   I will be going.   I will have gone.   I will have been going (for 3 hours).

2.
Similarly, for HIM/ HER it would become: He goes/ She goes :

He goes.    He is going.            He has gone.              He has been going.
He went.........   the rest is same.

3.
You go.       You are going.       You have gone.              You have been going.
You went.   You were going.    You had gone.                 You had been going.
etc.
 4.
Similarly,  for Them 
They go.     They are going.     They have gone.      They have been going.
They went.  .... The rest is same. 

And I had already started speaking fluently and correctly.  Remember I had already written a Thesis- therefore- there was not so much problem in writing.

Following are SOME points:

(a). This is where I suggest those friends who still are capable of saying
"you says".  If you see no. 3 above-  it should be "you say  (this)".

(b).
One of the  biggest blunders  is "He go".... This has to be ' He goes '.

(c).
Yet another one:  using plural words for singular- such as

DATAS for DATA  (DATA is plural, Datum is singular)


अंग्रेजी के अख़बारों से कुछ पैराग्राफ जोर जोर से  नियमित  पढ़ना भी अंग्रेजी बोलने को सुधारने  में काफी सहायक होता है.
साथ ही साथ -
ज्यादा से ज्यादा अंग्रेजी बोलना - कम से कम- काम के वक्त अपनी लोकल भाषा का कम इस्तेमाल करना,  अंग्रेजी बोलने वालों के बीच में रहना
हिंदी और अंग्रेजी - एक के बाद एक- दोनों भाषाओँ में समाचारों को सुनना
दोनों भाषाओं मैं रेडियो या दूरदर्शन पर आती क्रिकेट की कमेंट्री सुनना
 आदि कुछ ऐसे परखे हुए गुर हैं.

अंत में एक बात और. अंग्रेजी बोलना जरूरी नहीं है. लेकिन अपने प्रदेश से बाहर  या फिर विश्व भर में अगर काम करने की इच्छया है- तो ये जरूरी है. विज्ञान की हाई स्कूल , इण्टर  की किताबें तो हिंदी मैं मिल जाती हैं, यदि आपको और अच्छी किताबें देखनी हैँ -तो उनका तर्जुमा हिंदी में  नहीं मिल पाता है.   खासकर वैज्ञानिकों को तो शोध पत्र हिंदी में न के बराबर मिलते हैं. अभी की ये वस्तुस्थिति है.
 
Here is an article received from the "professor's list"  written Sam Jafee.

http://cgi.stanford.edu/~dept-ctl/tomprof/posting.php?ID=471

NO PARDON FOR POOR ENGLISH IN SCIENCE

More later,


Prem
April 31, 2015.


सोमवार, मार्च 23, 2015

कुमाउनी विवाह के कुछ अंतरंग क्षण Kumaun wedding

कुमाउनी विवाह (Kumaun wedding) के कुछ अंतरंग क्षण।
एक विडिओ मिला है.  इसमें काफी कुछ कुमाउनी शादी की nitty-gritty को झलकाने  की कोशिश की गई है.

http://goo.gl/whzYm6

हालाँकि मुझे वो पानी परखने की " पूरी " प्रक्रिया जिसमें लोटे से पानी को दोनों तरफ गिराया जाता है - नहीं दिखी.

धुलर्ग (धूलि-ऑर्ग- dhularg जिसका तात्पर्य शायद गोधूलि बेला से है) को भी सिर्फ होने वाले जमाई के पैर धोने तक सीमित किया गया है.  धुलर्ग- में -पंडितों का उन संस्कृत के जोरदार  श्लोकों का गया जाना -नहीं दिखाया गया है.

साथ ही साथ- रत्याली की रात की क्लिप्स , शगुना देस-  अमकाना घरी- फलसाना घरी -  का भी जरुरी ढंग से दिखाए जाने अभाव दिख रहा है.  ळेकिन… कुल मिलाकर देखने  लायक है.  धन्यवाद।

 link ye hai:

http://goo.gl/whzYm6

wildfilmsindia.com ne upload ki hai. 


An old link on Kumauni wedding is here from this blog. 

http://champawatsechennaitak.blogspot.in/2012/04/wedding-report-in-amar-ujala-18th-april.html

 Thanks.

गुरुवार, मार्च 12, 2015

want to be stress free? तनाव से मुक्ति चाहते हैं?

तनाव से मुक्ति चाहते हैं?  तो पढ़िए इस लिंक में  ४० तरीके.

http://tinybuddha.com/blog/40-ways-to-give-yourself-a-break/

जैसे:  १. थोड़ी सी ज्यादा नींद
२. लिफ्ट से चलें आज
३. एक्ससरसाइज़ ना करें आज
४. इ-मेल ना चेक करें

आदि आदि।