गुरुवार, दिसंबर 30, 2010

अमेरिका में अब रील नहीं धुलेगी!

याद है वो जमाना? जब black and white फोटोग्राफी से कलर फोटोग्राफी के प्रिंट लाजबाब लगते थे?
साहब अब अमरीकी भाई बहनों को रील धुलने के लिए कहीं और जाना पड़ेगा, क्योंकि आखिरी फोटू की दुकान बंदहोने वाली है ये पढ़िए।
http://www.nytimes.com/2010/12/30/us/30film.html?_r=2&nl=todaysheadlines&emc=tha23
घबराइए नहीं, आपकी डिजिटल फोटोग्राफी ज्यों की त्यों रहेगी।

प्रेम
३० दिसंबर २०१०

शनिवार, दिसंबर 25, 2010

रूबिक क्यूब को रोबोट १५ सेकंड में हल करता है

http://www.newscientist.com/blogs/nstv/2010/12/robot-solves-rubiks-cube-in-15-seconds.html


रूबिक क्यूब को रोबोट १५ सेकंड में हल करता है। लीजिये देखिये इस पूरे प्रक्रम में, ए़क कैमरा क्यूब को देखता रहता है। क्यूब के सारे फलकों की जानकारी कैमरा ए़क कम्पूटर को देता रहता है। रोबोट का हाथ कम्पूटर से निर्देश लेते हुए, क्यूब को बिना छोड़े हुए घुमाता है। कम्पूटर में गणित के नियमों का ए़क प्रोग्राम इन निर्देशों को देता है।
ये पूरा रोबोट अमेरिका के न्यू जेर्सी के रोवन विश्वविद्यालय के दो छात्रों Zachary Grady और Joe Ridgeway, के द्वारा बनाया गया है। Cheers!

प्रेम
२५ दिसम्बर २०१०

शुक्रवार, दिसंबर 17, 2010

पापा स्पेस को स्पेस क्यों कह्ते है -पता है?

प्रश्न: स्पेस को स्पेस क्यों कहते है?
उत्तर: क्योंकि जब अंतरिक्षय यात्री बाहर अपने बैक में पाइप लगा के कुछ करने जाते हैं, तो बाहर बहुत स्पेस होता है.

[समीर , १७ दिसंबर]

गुरुवार, दिसंबर 16, 2010

देर आये दुरुस्त आये: "लोकतंत्र एवं सांस्कृतिक विविधता"


जब भी मैं यूरोपी देशों के दोस्तों से बात करता हूँ, उनको ये याद आ ही जाता है कि भारत और यूरोपीय संघ में कितनी समानता है। भारत के बारे में ये बात कब से सच है - ये बताने की जरूरत नहीं। लीजिये देखिये आखिरकार ए़क सेमिनार का आयोजन इस विषय पर भी हो ही गया:


प्रेम

मंगलवार, दिसंबर 14, 2010

भोतिक विज्ञानं (PHYSICS) पढ़ने के बारे में

Physics का अपना मजा है। क्यों ? कैसे? पढ़िए इस लिंक में :
http://www.guardian.co.uk/science/blog/2010/dec/13/physics-teachers-shortage

इस लेख में बात विलायत की हो रही है. अपना हिंदोस्ता कोई पीछे नहीं है।

प्रेम

शनिवार, दिसंबर 11, 2010

श्री चन्द्र बल्लभ पांडे का महाप्रयाण



बड़े ही खेद के साथ ये सूचना मिली कि मेरे ससुर और प्रिय मित्र चन्द्र बल्लभ पांडे जी का कल शाम उनके जज फार्म निवास पर देहावसान हो गया। स्वर्गीय श्री पांडे, मेरे अन्तरंग दोस्त अशोक पांडे (कबाडखाना ब्लॉग वाले) (http://kabaadkhaana।blogspot.com/) के पिता जी थे। हमारा पूरा परिवार अशोक और उनकी माता जी, भाई एवं बहनों के परिवारों को इस बड़े दुःख का सामना करने में उनके साथ पाता हैं.
भगवान् पांडे जी की आत्मा को शान्ति प्रदान करे।
श्रधांजलि !


प्रेम