आपने शायद सुना हो, कि दुनियां भर में microsoft (windows) या IBM compatible के अलावा Apple कंप्यूटर का बोलबाला है. हालाँकि अगर आप टाईप करने के लिए प्रोग्राम खरीदना चाहें तो कई हज़ार रूपये लग जाए. एक-एक software की कीमत कई हजारों मैं! लेकिन आपको मालुम है कि आप बिना पैसा दिए पूरे प्रोग्राम प्राप्त कर सकते हैं, लेकिन नये वातावरण मैं- जिसका नाम है: लिनिक्स (LINUX, UBUNTU; www.ubuntu.com ). ये सिस्टम दुनिया भर के उन लोगों द्वारा बनाये गए हैं, जो बाकी लोगों के लिए सोचते हैं, (और अपना काम करते हैं).
आखिर क्या है वो चीज जो हम सब को उत्साहित करती है- कुछ भी कर डालने के लिए- पैंसा? NO- No No...
http://www.youtube.com/watch?v=u6XAPnuFjJc
इसका जिक्र कुछ दिन पहले हमारे निवर्तमान निदेशक प्रोफेसर अनंत ने अपने विदाई भाषण मैं किया था. कल हमारे मित्र अतुल पन्त की tweet पर भी मिला.
प्रेम
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