Variety of postings in science, culture and myself. Born in Champawat, graduated in Naini Tal and after spending memorable years in Nippon, I am in Chennai. I shunt in between Chennai and Champawat at least once a year. Disclaimer: “The views expressed in this blog are personal and not that of the Institution (Indian Institute of Technology Madras).”
सोमवार, अगस्त 15, 2011
बुधवार, अगस्त 03, 2011
What motivates us? आखिर वो है क्या? प्रोत्साहन के लिए ,
आपने शायद सुना हो, कि दुनियां भर में microsoft (windows) या IBM compatible के अलावा Apple कंप्यूटर का बोलबाला है. हालाँकि अगर आप टाईप करने के लिए प्रोग्राम खरीदना चाहें तो कई हज़ार रूपये लग जाए. एक-एक software की कीमत कई हजारों मैं! लेकिन आपको मालुम है कि आप बिना पैसा दिए पूरे प्रोग्राम प्राप्त कर सकते हैं, लेकिन नये वातावरण मैं- जिसका नाम है: लिनिक्स (LINUX, UBUNTU; www.ubuntu.com ). ये सिस्टम दुनिया भर के उन लोगों द्वारा बनाये गए हैं, जो बाकी लोगों के लिए सोचते हैं, (और अपना काम करते हैं).
आखिर क्या है वो चीज जो हम सब को उत्साहित करती है- कुछ भी कर डालने के लिए- पैंसा? NO- No No...
http://www.youtube.com/watch?v=u6XAPnuFjJc
इसका जिक्र कुछ दिन पहले हमारे निवर्तमान निदेशक प्रोफेसर अनंत ने अपने विदाई भाषण मैं किया था. कल हमारे मित्र अतुल पन्त की tweet पर भी मिला.
प्रेम
सोमवार, अगस्त 01, 2011
Mentor and mentee (सलाहकार एवं शिष्य )
सलाहकार एवं शिष्य
ये कहानी एक सलाहकार (Mentor) एवं उनके शिष्य (Mentee) के बारे में है (ये दिखने के लिए कि ये काम कितना मुश्किल है):
एक शिकारी जंगल में शिकार करने निकला. टेंट वेंट ले के- दो एक दिन के लिए.
अचानक टेंट के पास ही एक शेर आ गया. शिकारी ने फट से बन्दूक ली, निशाना लगाया, और गोली भी दाग दी.
उसी समय शेर ने छलांग लगाई और गोली तो पास से निकल गयी, लेकिन शिकारी भी उसके चंगुल में आते-आते बच गया.
खैर , किसी तरह से शिकारी टेंट मैं वापिस पहुंचा.
दूसरे दिन सुबह शिकारी अपनी बन्दूक निकाल कर ये प्रक्टिस कर रहा था कि कैसे शेर पर पक्का निशाना साध सके. उसने अपने पीछे की तरफ देखा- देखा कि वहां शेर भी ये प्रक्टिस कर रहा है कि कैसे गोली से बचे और उसकी छलांग ठीक लगे!
प्रेम , 1 aug. 2011
(प्रो. के . के. (CH,IITM से सुनी )
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