गुरुवार, सितंबर 26, 2019

तर्पण-श्राद्ध


ये श्लोक उस समझदारी को समर्पित है जो जिन्दा माता पिता को तो ठीक-ठाक (!) रखते ही हैं, लेकिन उनके महा प्रयाण के बाद तर्पण-हरपन श्राद्ध वगैरह पूरे मनोयोग से करते हैं.


"जीविते भोजनं नैव, मृते च भोजनं शतम् । जीवितैव हि तृप्तिश्चेत्, ब्रह्मानन्दफलं लभेत्|| "


जीवित परिवार के सदस्य को हो सकता है किसी कारणवश भोजन भी टाइम पर ना मिल पाया हो, लेकिन मृत्यु पश्चात तम्माम (सैकङों) भोज का आयोजन किया जाता है ;
जीवित मात -पिता , सास -ससुर की यदि सेवा ढंग से की जाय , तो मनुष्य (नर या नारी ) को अनेकों पुण्य प्राप्त होंगे. ||



प्रेम ट्विटर से , २५ सितम्बर २०१९

माता पिता श्राद्ध ,
Mother - father , Sharadh , tarpan

मंगलवार, सितंबर 24, 2019

मूर्ख तथा सज्जन


मूर्ख तथा सज्जन की परिभाषा :

"मूर्खस्य "पञ्च चिन्हानि" गर्वो, दुर्वचनं, तथा। क्रोधश्च, दृढवाद,श्चपरवाक्येष्वनादरः॥"

गर्व , दुर्वचन , क्रोध, दृढवाद , अनादर मूर्खों के पाँच लक्षण हैं - अभिमान, अपशब्द, क्रोध, हठ और दूसरों की बातों का अनादर ।

इन पाँच लक्षणों का त्याग करने से सज्जनता आती है.

-संस्कृत (sanskrit) , ट्विटर से :
प्रेम


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