बुधवार, अक्टूबर 27, 2010

अनासक्त

"अनासक्त का कोई भी कार्य दिन के अंत में अधूरा नहीं रहता है।"
---नैनीताल की लैब में लगी ए़क पट्टी में लिखा वाक्य। (१९८५-१९९१).

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