बुधवार, अक्तूबर 20, 2010

लीजिये : अब पक्के शोचालयों की उतनी कमीं नहीं खलेगी

हिन्दोस्तान की बहुत सी आबादी के पास पक्के शोचालय नहीं हैं । कभी कभार तो ऐसे ही छुप के ओट के सहारे ...! लेकिन मुश्किल ये कि पाखाना फैंके तो कहाँ?
लेकिन जनाब अब ये मुश्किल दूर: १० ग्राम का ए़क पाकेट, करीब १ रुपये का, और कहीं ढंग की जगह (बाहर) रख दीजिये। ये सब अपने आप ही महँगी खाद में तब्दील हो जायेगा। आम के आम , गुठली के भी .. ..
बांकी यहाँ पढ़िए:
१। http://blogs।ft.com/beyond-brics/2010/10/20/india-the-case-for-sanitation-parity/
२। काफी कुछ और है जानने के लिए यहाँ और यहाँ

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