हिन्दोस्तान की बहुत सी आबादी के पास  पक्के शोचालय नहीं हैं ।  कभी कभार तो ऐसे ही छुप के ओट के सहारे ...!  लेकिन मुश्किल ये कि पाखाना फैंके तो कहाँ?
लेकिन जनाब अब ये मुश्किल दूर:   १० ग्राम का ए़क पाकेट, करीब १ रुपये का, और कहीं ढंग की जगह (बाहर) रख दीजिये।   ये सब अपने आप ही महँगी खाद में तब्दील हो जायेगा। आम के आम , गुठली के भी .. ..
बांकी यहाँ पढ़िए:
१। http://blogs।ft.com/beyond-brics/2010/10/20/india-the-case-for-sanitation-parity/
२। काफी कुछ और है जानने के लिए यहाँ   और यहाँ
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