बुधवार, अप्रैल 21, 2010

मनुष्य रूप में मृग चर रहे हैं! (कक्ष्या ८ की किताब से )

मनुष्य रूपेण मृगाश्चरन्ति
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येषाम न विद्या न तपो न दानं
ज्ञानं न शीलं न गुणों न धर्मः |
ते मर्त्यलोके भुवि भारभूताः
मनुष्य रूपेण मृगाश्चरन्ति ||

साहित्य संगीत कलाविहिन:
साक्षात् पशु: पूच्छविशां हीनः
तृणं न खान्नपी जीवमान:
तद्भाग्धेयम परम पशुनाम||

मंगलवार, अप्रैल 13, 2010

इरान तुरान की (चंद्रू dajju से सुना हुआ )

भाइयो और बहनों ,
मैं न नेता हूँ और न अभिनेता!
अभिनेता लोग मुंबई में पाए जाते हैं....
मुंबई ए़क बहुत बड़ा शहर है.
शहर तो दिल्ली भी है!
दिल्ली में बहुत से धुप वाले चश्मे पाए जाते हैं.

चश्मे झील को कहते हैं.
झील कश्मीर में पाई जाती है.
कश्मीर ए़क बहुत की खुबसूरत जगह है.

खुबसूरत तो हेमा मालिनी भी थी.
उसकी पहली फिल्म का नाम सौदागर था.
उसका हीरो राजकपूर था.

भारतीय हीरो बहुत बलवान होते हैं.
बलवान तो शेर भी होता है.

४० सेर का ए़क मन होता है.
मन बड़ा चंचल होता है.

चंचल, मधुबाला की छोटी बहन का नाम था.
उसने बहुत सी फिल्मों में काम किया.
काम तो गधा भी करता है.
लेकिन गधा ए़क सीधा सदा जानवर होता है.

सीधा-सादा तो बिजली का खम्बा भी है.
बिजली का खम्भा लोहे का बना होता है.
लौह पुरुष सरदार बल्लभ भाई पटेल थे.
वे बहुत महान थे.
महान तो वो (whoever) भी था .
वो अपने देश के लिए बफादार था.

बफादार तो कुत्ता भी होता है.
लेकिन अगर कुत्ते की पूँछ को
टेड़ी करके जमीं
में गाड़ दिया जाये,
तो वो टेड़ी की टेड़ी रहती है.

-Prem April 14, 2010