गुरुवार, सितंबर 14, 2023

कर्नाटिक संगीत में राग "मोहनम" ( हिन्दुस्तानी : राग भूप या भूपाली ) & Kafi: Bhaj govindam भज गोविन्दम्

Swagatham Krishna Lyrics

कर्नाटिक संगीत में राग "मोहनम"  ( हिन्दुस्तानी : राग भूप या भूपाली )  (औडव-औडव 5-5)

https://www.youtube.com/watch?v=z4_nUoJzMgk

स्वागतम कृष्णा गीत: बोल

 

 स्वागतम् कृष्णा शरणागतम् कृष्णा

स्वागतम् कृष्णा शरणागतम् कृष्णा

मधुरापुरी सदना मृदु वदना, मधुसूदना  इह स्वागतम् कृष्णा शरणागतम् कृष्णा.-4

कृष्णा... 

२. भोग-दाप्त सुलभा, सुपुष्प गंध कलभा 

भोग दाप्त सुलभा ,सुपुष्पा गंध कलभा 

कस्तूरी तिलक माहिमा , मम कान्त नन्द, गोप कन्ध

स्वागतम  कृष्णा ....

मधुरापुरी सदना मृदु वदना, मधुसूदना ,इह स्वागतम् कृष्णा शरणागतम् कृष्णा.-4, कृष्णा

 

३. मुष्टिका सूर चानूरा मल्ल मल्ल विषारदा मधुसूदन - 2

मुष्टिका सूर चानूरा मल्ल मल्ल विषारदा कुवलैया पीद

मर्दन, कलिंग नर्तन,  गोकुल रक्षण सकल सुलक्षण देवा..-2

शिष्ठ जन पाल, संकल्प, कल्प , कल्प सत कोटि असमा पराबव-2

दीन  मुनि जन विहार, मदन सुकुमार, दैत्य संहार देवा (-2)

मधुर मधुर रति साहस-साहस,  व्रज युवति जन मानसा पूजित-२

 

सॅ, पा, गारी, पगारि सा ध सा ,  सॅ ध  पा गारी,   पगारि सा सा

सा सा  रेरे गागा पा ध , सॅ सॅ,  ध प,   पा ध,  रे रे,    पगारि सा सा

सा सा  रेरे गागा पा पा ध ध  , सॅ सॅ  ध ध  प  पा   रे रे , पगारि सा सा

 

तकतन  कुकुंताना किताताकादीम -8  dhim

स्वागतम् कृष्ण शरणागतम् कृष्ण

कृष्ण

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2.  Kafi  Rag

ss re re gg ma ma pa  (g ni komal)

Bhaj govindam  भज गोविन्दम्  

(a). sung by Bharat Ratna  MS Subbulakshmi  ( from Madurai, Tamil Nadu)

 https://www.youtube.com/watch?v=SAl7RghW7kE

 (b). By  TM Krishna  https://www.youtube.com/watch?v=4xJtWPYj4lg

 

The following is taken from the following link with acknowledgement.

Courtesy:  https://www.hindibhajan.in/bhaja-govindam-lyrics/ 


भज गोविन्दम् भज गोविन्दम्, गोविन्दं भज मूढ़मते।
संप्राप्ते सन्निहिते काले, न हि न हि रक्षति डुकृञ् करणे॥1॥

 

 मूढ़ जहीहि धनागम-तृष्णाम्,  कुरु सद्बुद्धिमं मनसि वितृष्णाम्।
यल्ल भसे निज कर्मो पात्तम्,  वित्तं तेनhi नोदय चित्तं॥२॥

 (धन एकत्र करने के लोभ को त्यागो..)

 

याव द्वित्तो पार्जन सक्त:,  ताव न्निज परिवारो रक्तः।
पश्चा ज्जीवति जर्जर देहे,  वार्तां कोऽपि न  पृच्छति गेहे॥५॥

(till you earn..)


मा कुरु धन-जन-यौवन गर्वं,  हरति निमेषा त्कालः सर्वं।
माया मयमिदm Aमखिलम् हित्वा,  ब्रह्म पदम् त्वं प्रविश विदित्वा॥११॥ 

(धन, शक्ति और यौवन पर गर्व मत करो...)

 

 सुर मंदिर तरु मूल निवासः, शय्या भूतल मजिनं वासः।
सर्व परिग्रह भोग त्यागः, कस्य सुखं न करोति विरागः॥१८॥ 

कस्य सुखं न करोति विरागः...

 

भगवद् गीता किञ्चिदधीता, गङ्गा जल-लव कणिकापीता।
सकृदपि येन मुरारि समर्चा, क्रियते तस्य यमेन न चर्चा॥२०॥ 

  Study Gita = good work

पुनरपि जननं पुनरपि मरणं, पुनरपि जननी जठरे शयनम्।
इह संसारे बहुदुस्तारे, कृपयाऽपारे पाहि मुरारे ॥२१॥

 Mokshy please.. 

 गेयं गीता नाम सहस्रं, ध्येयं श्रीपति रूपमजस्रम्।
नेयं सज्जन सङ्गे चित्तं,  देयं दीनजनाय च वित्तम् ॥२७॥

Courtesy:  https://www.hindibhajan.in/bhaja-govindam-lyrics/ 

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