Variety of postings in science, culture and myself. Born in Champawat, graduated in Naini Tal and after spending memorable years in Nippon, I am in Chennai. I shunt in between Chennai and Champawat at least once a year. Disclaimer: “The views expressed in this blog are personal and not that of the Institution (Indian Institute of Technology Madras).”
रविवार, अक्टूबर 31, 2021
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अंतर्राष्ट्रीय वीघन दिवस - International vegan day (Nov 1)
अंतर्राष्ट्रीय वीघन दिवस - International vegan day
वीघन डाइट (vegan diet) एक शाकाहारी डाइट है| दुनिया के कई सारे ख्यात-विख्यात लोग वीघन डाइट का उपयोग अपने स्वास्थ्य लाभ के लिए अक्सर
करते हैं : इस प्रकार के खानपान में खासकर
पशु या उनके उत्पाद को नहीं खाया जाता है| मजे की बात ये है कि
हिन्दुस्तान में सामान्यतया उपयोग में आने वाले रोजमर्रा के पदार्थ यानी दूध, दही,
मट्ठा या फिर घी-मक्खन का भोग भी इस पद्यति में मना है | अंडे, या मांस का और किसी भी डेरी उत्पाद इस डाइट में शामिल नहीं होते है – हालाँकि मदिरा के बारे में इस डाइट में कोई उल्लेख नहीं किया गया है |
पहाड़ के गावों में कुशल बात कुछ ऐसे शुरू होती है- “और
घर में बच्चे, दूध-पानी सब ठीक?”
गजब की बात है कि यदि घर में दूध देने वाली एक गाय हो तो
ऐसे लगे जैसे सारे जहाँ की दौलत का कुछ हिस्सा जरूर उनके पास है. गाय है, बछड़ा है, गोबर है, घास का इंतजाम करना है,
गाय के बिछोने का इंतजाम करना है बस! अपने खाने में से जूठा कुछ बचे तो गाय के लिए- मजे ही मजे. लेकिन कई बार ऐसा भी हो जाता कि गाय ब्याने में कुछ महीने होते और दूसरी गाय ने
दूध बंद कर दिया | कोई बात नहीं महीने-दो
महीने तो इन्तजार में फट से निकल जाते- चाय
भी ऎसी पी जाती जैसे इस गाने में जीतेन्द्र पी रहे हैं: (लिंक इसी ब्लॉग से):
https://champawatsechennaitak.blogspot.com/2014/11/tera-saath-hai-to-1981.html
समझ गये होंगे – परिवार दो महीनों के लिए बिलकुल वीगन बन
जाता – और यही उस जीवन के स्वास्थ्य का सीक्रेट था | कभी-कभार पास पड़ोस से दूध चाय के लिए तो आ ही जाता था- ये
बात उतनी ही महत्वपूर्ण है |
प्रेम
अक्टूबर ३१, २०२१ (नवम्बर 1, अंतरराष्ट्रीय वीगन दिवस के उपलक्ष्य में ).