बहुत साल पहले की बात है. सन १९९१. मैं जापान के छोटे शहर ओकाजाकी मैं शोध शुरू कर रहा था. कंप्यूटर का ज्ञान सिर्फ BITNET , काईराइटर, और सिग्मा प्लाट तक था. बड़ी मशक्कत के बाद कोई डोक्युमेंट तैयार होता था. ओकजाकी के शोध समूह मैं - एक दो N E C के अलावा सारे कंप्यूटर MAC थे!
छोटा सा डब्बा जैसा. "welcome" screen , और सीधे डेस्कटॉप. उस समय मुझे जिस चीज ने सबसे ज्यादा प्रभावित किया वो था एक सॉफ्टवेर "IGOR". जापान से वापिस आने के बाद मैंने बड़ी कोशिशें की कि यहाँ एक दो MAC आ जाये, लेकिन ना!
आज कि बात अलग है, आज घर घर मैं आईपॉड , आईपैड, आईमैक मिलते हैं. इन सबके एक तरह के जन्मदाता हैं "स्टीव जाब". वो ५६ साल की उम्र पर चल बसे. लेकिन उनकी सोच और लगन मानवता के साथ हमेशा रहेगी: नीचे का लिंक उनका एक दीक्षांत भाषण है, जो उन्होंने स्टैनफोर्ड विवि मैं २००५ मैं दिया था. उस समय वह कैसर से उबर रहे थे. मुझे लगता है कि सभी को ये भाषण पढना चाहिए.
http://news.stanford.edu/news/2005/june15/jobs-061505.html
इसी के साथ एक दूसरा पक्ष भी है, पढ़ें:
http://www.nytimes.com/2011/10/06/opinion/jobs-looked-to-the-future.html?_r=2&ref=opinionप्रेम
८.१०.2011
८.१०.2011