मंगलवार, जनवरी 15, 2019

छमा बड़न को चाहिये- Elders should learn to forgive..

The couplet of Rahim appears to make more sense now:


छमा बड़न को चाहिये, छोटन को उत्पात 

कह रहीम हरि का घट्यो , जो भृगु मारी लात।

This is really interesting:

Elders must learn to forgive the nuisance created by youngsters (even at the work place).  The misbehavior of younger ones will be of similar value as a kick by an insect!

Other couplets of Rahim are given at this link



प्रेम , १५ जनवरी  २०१९.



बुधवार, जनवरी 02, 2019

नए साल की मुबारकबाद: एक पव्वा झिलमिल

नए साल की मुबारकबाद

व्हाट्सप्प यूनिवर्सिटी से एक वीडियो प्राप्त हुआ. जबसे उसे देखा है - इतना सजीव वर्णन मैंने किसी कविता में आज  तक नहीं सुना.  चाहे वह  "मुझे तोड़ लेना वनमाली! उस पथ पर देना तुम फेंक "  माखन लाल चतुर्वेदी की ये कविता ही क्यों  न हो.   आप भी  रसास्वादन करें. 

इस कविता या छंद के लेखक उच्चारक का नाम तो मुझे नहीं पता लेकिन गेहूं के पौधों की लम्बाई, धूप, और "गिंज" का उच्चारण ये इंगित करती है कि ये कवि  हमारे अल्मोड़ा जिले के होंगे.  यदि आप को इनका पता मिले (जैसे कि उस व्हॉटस्वैप मैसेज से आपको मिल सकता है- जो कि दिसंबर २०१८ के अंतिम सप्ताह में कुमाऊँ के कई जिलों में एक साथ प्रसारित हुआ यानि  'मैसेज वायरल हुआ "

"एक पव्वा झिलमिल  दो पव्वा टैट , तीन पव्वा ललबल  चार पव्वा फ्लैट |
पांच पव्वा गिंज आकाश, छै पव्वा एक सौ आठ - सात पव्वा घाट "

इस कविता की विधा भी एकदम अलग है- इसमें कवि  ने  "गागर में सागर भरने " वाला मुहावरा चरितार्थ किया है.

कविता के इस अंश को मैं उन कवि  से साभार लेते हुवे यहाँ जन साधारण के लिए टाइप कर रहा हूँ.  वीडियो मैसेज देना कवि  की निजता का हनन होगा.

यदि उसका अर्थ समझने में  मुश्किल हो तो- एक आध पेज लिखा जा सकता है- जब समय हो.

KEYWORDS : पिया शराब ,  नाली,  पाउच , कच्ची, अंग्रेजी, पव्वा , अध्धा,


प्रेम,  २ जनवरी २०१९.