रविवार, अप्रैल 19, 2015

चिट्ठी आई है , आई है, चिठ्ठी आई है.

पहले जब तू खत लिखता था। कागज में चेहरा दिखता था.  

चिट्ठी आई है , आई है, चिठ्ठी आई है.  

आज के स्काइप , इ-मेल और फेसबुक के जमाने में पंकज उधास की  गयी ये गजल .

http://goo.gl/uc6eR1


1980's  famous Ghajal of Pankaj Udhaas.  chiththi aai hai.

Enjoy.

Prem

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